सन्निहित सरोवर: कुरुक्षेत्र का प्राचीन एवं पवित्र तीर्थ

सन्निहित सरोवर: कुरुक्षेत्र का प्राचीन एवं पवित्र तीर्थ

सन्निहित सरोवर, जिसे सन्निहित तीर्थ भी कहा जाता है, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक जलाशय है। यह स्थल हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है और धार्मिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। सन्निहित सरोवर का पवित्र जल और इसकी धार्मिक महत्वता इसे श्रद्धालुओं के बीच एक विशेष स्थान बनाती है। इस आलेख में, हम सन्निहित सरोवर के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

भूगोलिक स्थिति

सन्निहित सरोवर हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित है। यह स्थान दिल्ली से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर है और भारतीय धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्रों में से एक है। सरोवर का क्षेत्रफल और इसकी प्राकृतिक सुंदरता इस स्थान को और भी आकर्षक बनाते हैं।

धार्मिक महत्व

सन्निहित सरोवर का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह स्थल हिन्दू धर्म के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पद्धतियों और उत्सवों का केंद्र है। यहाँ पर श्रद्धालु आकर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और धार्मिक अनुभवों का आनंद लेते हैं।

पौराणिक मान्यताएँ और कथाएँ

वामन पुराण का वर्णन

वामन पुराण के अनुसार, सन्निहित तीर्थ प्राचीन काल में रन्तुक से लेकर ओजस तक, पावन से चतुर्मुख तक विस्तृत था। इस पवित्र स्थल का वर्णन निम्नलिखित श्लोक में मिलता है:

रन्तुकादौजसं यावत् पावनाच्च चतुर्मुखम्।
सरः सन्निहितं प्रोक्तं ब्रह्मणा पूर्वमेव तु।
(वामन पुराण, 1/5)

आकार और विस्तार में परिवर्तन

शनैः शनैः सन्निहित तीर्थ के आकार में परिवर्तन होता रहा और द्वापर तथा कलियुग में इसका विस्तार सीमित हो गया। यह तीर्थ विश्वेश्वर से अस्थिपुर तक तथा कन्या जरद्गवी से ओघवती तक सीमित हो गया। इस तीर्थ के पास भगवान शंकर ने लिंग की स्थापना की थी।

महर्षि दधीचि की कथा

कहा जाता है कि इसी तीर्थ के तट पर महर्षि दधीचि ने इन्द्र की याचना पर देव कार्य हेतु अपनी अस्थियों का दान किया था। इन अस्थियों से निर्मित वज्र अस्त्र द्वारा इन्द्र ने वृत्रासुर का वध किया था।

श्रीकृष्ण और गोपियों का मिलन

भागवत पुराण के अनुसार, खग्रास सूर्यग्रहण के समय द्वारका से पहुँचे श्रीकृष्ण की भेंट गोकुल से पहुँचे नन्द, यशोदा तथा गोप-गोपिकाओं से हुई थी। श्रीकृष्ण ने विरह व्यथा से पीड़ित गोपियों को आत्मज्ञान की दीक्षा दी थी।

सन्निहित सरोवर का धार्मिक महत्व

श्राद्ध और पिण्ड दान का महत्व

सन्निहित सरोवर में अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण के समय जो अपने पूर्वजों का श्राद्ध करता है, उसे हजारों अश्वमेध यज्ञों का फल मिलता है। एक ब्राह्मण को श्रद्धा पूर्वक भोजन कराने से करोड़ों व्यक्तियों के भोजन कराने का फल मिलता है। पद्म पुराण में इसका वर्णन इस प्रकार है:

अमावस्यां तथा चैव राहुग्रस्ते दिवाकरे।
यः श्राद्धं कुरुते मर्त्यस्तस्य पुण्यपफलं श्रृणु।
अश्वमेधसहस्रस्य सम्यगिष्टस्य यत्फलम्।
स्नातेव तदाप्नोति कृत्वा श्राद्धं च मानवः ।।
(पद्म पुराण, आ. खं. 27/82-83)

तीर्थों का एकत्रीकरण

पुराणों के अनुसार, अमावस्या के अवसर पर पृथ्वी पटल पर स्थित सभी तीर्थ सन्निहित तीर्थ में एकत्र हो जाते हैं। इसलिए इसे सन्निहित तीर्थ का नाम दिया गया। यहाँ पर पूर्वजों हेतु पिण्ड दान और श्राद्ध की प्राचीन परम्परा रही है। देश-विदेश से अनेक श्रद्धालु यहाँ आकर अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध और पिण्ड दान करते हैं, जिसका उल्लेख तीर्थ पुरोहितों की बहियों में मिलता है।

धार्मिक अनुष्ठान और पर्व

सन्निहित सरोवर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और पर्व मनाए जाते हैं। यहाँ पर स्नान करने और पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं को विशेष धार्मिक अनुभव होता है। मुख्य रूप से माघ पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा और अन्य प्रमुख हिन्दू त्योहारों पर यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

सन्निहित सरोवर का ऐतिहासिक महत्व

महाभारत काल

सन्निहित सरोवर का उल्लेख महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यह स्थल कुरुक्षेत्र की महाभारत युद्ध की भूमि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस स्थल ने महाभारत की कई महत्वपूर्ण घटनाओं को देखा है और इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

प्राचीन अभिलेख और शिलालेख

सन्निहित सरोवर परिसर में कई प्राचीन अभिलेख और शिलालेख पाए गए हैं, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को प्रमाणित करते हैं। ये अभिलेख इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

ब्रिटिश कालीन अभिलेख

तीर्थ परिसर में स्थापित ब्रिटिश कालीन अभिलेखों से इस सरोवर की पवित्रता और महत्ता का पता चलता है। इन अभिलेखों में सन्निहित सरोवर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का विवरण मिलता है।

सन्निहित सरोवर का सांस्कृतिक महत्व

भारतीय संस्कृति का प्रतीक

सन्निहित सरोवर भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यहाँ पर आयोजित होने वाले धार्मिक उत्सव और कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं। स्थल की स्थापत्य कला, मूर्तिकला, और चित्रकला भारतीय कला और संस्कृति की उत्कृष्टता को प्रकट करती है।

सामाजिक समरसता

सन्निहित सरोवर में विभिन्न जाति, धर्म और समुदाय के लोग आकर पूजा-अर्चना करते हैं। यहाँ पर सभी भक्त एक समान माने जाते हैं और उनके बीच सामाजिक समरसता का वातावरण बना रहता है। यह स्थल समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

धार्मिक शिक्षा और सामाजिक सेवाएँ

सन्निहित सरोवर द्वारा विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। यहाँ पर धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ समाजसेवा के कार्य भी किए जाते हैं। स्थल परिसर में विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जो समाज की सेवा में योगदान देते हैं।

सन्निहित सरोवर के प्रमुख मंदिर

सूर्य नारायण मंदिर

सन्निहित सरोवर परिसर में स्थित सूर्य नारायण मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। इस मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है और यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु सूर्य भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

ध्रुवनारायण मंदिर

ध्रुवनारायण मंदिर भी सन्निहित सरोवर परिसर में स्थित है। यह मंदिर भगवान ध्रुव की पूजा के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ पर श्रद्धालु ध्रुवनारायण का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

लक्ष्मी-नारायण मंदिर

लक्ष्मी-नारायण मंदिर सन्निहित सरोवर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। श्रद्धालु यहाँ पर आकर अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं।

दुःख भंजन महादेव मंदिर

दुःख भंजन महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर सन्निहित सरोवर के पास स्थित है और यहाँ पर भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।

सन्निहित सरोवर की यात्रा और सुविधाएँ

यात्रा मार्ग

सन्निहित सरोवर तक पहुँचने के लिए विभिन्न साधन उपलब्ध हैं और यहाँ पर भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से टैक्सी और ऑटो रिक्शा की सुविधा है। कुरुक्षेत्र शहर में पहुँचने के बाद स्थल तक का रास्ता आसानी से तय किया जा सकता है।

आवास और भोजन

सन्निहित सरोवर के पास अनेक धर्मशालाएँ और होटल हैं जहाँ श्रद्धालु ठहर सकते हैं। यहाँ पर भोजन की व्यवस्था भी आसानी से उपलब्ध होती है। स्थल के पास विभिन्न रेस्टोरेंट और भोजनालय हैं जहाँ पर शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन मिलता है।

सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ

सन्निहित सरोवर परिसर में सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। यहाँ पर पुलिस चौकी और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

सन्निहित सरोवर का प्राकृतिक सौंदर्य

सरोवर का जल

सन्निहित सरोवर का जल पवित्र और निर्मल है। सरोवर का शांत जल स्थल की प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु सरोवर में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं।

स्थल की हरियाली

इस सरोवर परिसर में हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय मिश्रण देखने को मिलता है। यहाँ पर स्थित वृक्ष और बगीचे स्थल की सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं। श्रद्धालु यहाँ पर आकर प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेते हैं।

वातावरण

सन्निहित सरोवर का वातावरण शुद्ध और शांत है। यहाँ पर आकर श्रद्धालु अपने मन की शांति प्राप्त करते हैं और धार्मिक अनुभव का आनंद लेते हैं। स्थल का वातावरण आध्यात्मिकता और शांति से भरा हुआ है।

सन्निहित सरोवर का पर्यावरणीय महत्व

जल संरक्षण

सन्निहित सरोवर जल संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह सरोवर स्थानीय जल स्रोतों को संरक्षित रखने और पर्यावरण की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जैव विविधता

सरोवर और उसके आसपास का क्षेत्र जैव विविधता से भरा हुआ है। यहाँ पर विभिन्न प्रकार के पौधे और जीव-जन्तु पाए जाते हैं, जो पर्यावरण की संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं।

पर्यावरण संरक्षण

सन्निहित सरोवर परिसर में पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं। यहाँ पर वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियानों का आयोजन होता है, जिससे स्थल की सुंदरता और पर्यावरण की सुरक्षा बनी रहती है।

सन्निहित सरोवर का सांस्कृतिक महत्व

भारतीय संस्कृति का प्रतीक

सन्निहित सरोवर भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यहाँ पर आयोजित होने वाले धार्मिक उत्सव और कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं। स्थल की स्थापत्य कला, मूर्तिकला, और चित्रकला भारतीय कला और संस्कृति की उत्कृष्टता को प्रकट करती है।

सामाजिक समरसता

सन्निहित सरोवर में विभिन्न जाति, धर्म और समुदाय के लोग आकर पूजा-अर्चना करते हैं। यहाँ पर सभी भक्त एक समान माने जाते हैं और उनके बीच सामाजिक समरसता का वातावरण बना रहता है। यह स्थल समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

धार्मिक शिक्षा और सामाजिक सेवाएँ

सन्निहित सरोवर द्वारा विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। यहाँ पर धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ समाजसेवा के कार्य भी किए जाते हैं। स्थल परिसर में विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जो समाज की सेवा में योगदान देते हैं।

सन्निहित सरोवर का आध्यात्मिक महत्व

ध्यान और साधना

सन्निहित सरोवर का शांत और शुद्ध वातावरण ध्यान और साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त है। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

धार्मिक प्रवचन

सन्निहित सरोवर परिसर में विभिन्न धार्मिक प्रवचनों का आयोजन होता है। यहाँ पर विद्वान और संत अपने प्रवचनों द्वारा भक्तों को धार्मिक ज्ञान और शिक्षा प्रदान करते हैं। यह प्रवचन भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

आध्यात्मिक उन्नति

सरोवर पर आने वाले श्रद्धालु अपनी आध्यात्मिक उन्नति के लिए विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। यहाँ पर किए जाने वाले अनुष्ठान और पूजा-अर्चना भक्तों को आत्मिक शांति और संतोष प्रदान करते हैं।

सन्निहित सरोवर का पर्यटक आकर्षण

पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण

यह सरोवर धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी है। यहाँ पर पर्यटक स्थल की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने आते हैं।

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी

सरोवर का प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक माहौल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं। यहाँ पर पर्यटक अपने यादगार क्षणों को कैमरे में कैद करते हैं और स्थल की सुंदरता को अपने साथ ले जाते हैं।

शांति और विश्राम

इस सरोवर का शांत और सुखद वातावरण पर्यटकों को विश्राम और शांति का अनुभव प्रदान करता है। यहाँ पर आकर पर्यटक अपने तनाव और चिंता को भूलकर शांति और विश्राम का आनंद लेते हैं।

सन्निहित सरोवर एक ऐसा स्थल है जो धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यावरणीय महत्व को संजोए हुए है। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक न केवल धार्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव करते हैं। इस सरोवर का पवित्र जल, धार्मिक अनुष्ठान, और सांस्कृतिक धरोहर इसे एक अद्वितीय तीर्थ स्थल बनाते हैं।

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